शब्द,
ध्वनि व अर्थ में,
रखता है
विलक्षण अस्तित्व.
शब्द,
जीवन व कर्म में
प्रकट करता है
यथार्थ व्यक्तित्व.
शब्द,
उत्पन्न करता है
अंतर्मन में,
संशय- विस्मय.
शब्द,
हो जाया करता है
प्रायः बहु अर्थी
गह्वर, रहस्यमय !
शब्द,
स्थापित करता है
जाने-अनजाने
कितने ही सम्बन्ध
शब्द,
विच्छेदित करता है
कितने ही पुराने
किये हुए अनुबंध !.
ध्वनि व अर्थ में,
रखता है
विलक्षण अस्तित्व.
शब्द,
जीवन व कर्म में
प्रकट करता है
यथार्थ व्यक्तित्व.
शब्द,
उत्पन्न करता है
अंतर्मन में,
संशय- विस्मय.
शब्द,
हो जाया करता है
प्रायः बहु अर्थी
गह्वर, रहस्यमय !
शब्द,
स्थापित करता है
जाने-अनजाने
कितने ही सम्बन्ध
शब्द,
विच्छेदित करता है
कितने ही पुराने
किये हुए अनुबंध !.
bahut badiya vishleshanatmak rachna...
जवाब देंहटाएंवाकई ज़रा भी असावधानी हो जाए तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है !
जवाब देंहटाएंशब्दों को परिभाषित करती बहुत ही सुंदर रचना!
manushy mar jata hai lekin shabd amar ho jate hai bahut sundar bhav
जवाब देंहटाएंsundar kavita
जवाब देंहटाएंशब्द, हो जाया करता है प्रायः बहु अर्थी......
जवाब देंहटाएंशब्द, स्थापित करता है जाने -अनजाने कितने ही संबंध
खूबसूरत पंक्तियाँ
धीरेन्द्र भाई....साधुवाद
शब्द का सुन्दर शब्द चित्रण
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ रचना
सच में शब्द एक बहुआयामी शब्द है